One Nation One Fertilizer Scheme : जो भी किसान भाई खेती बाड़ी करते हैं वह इस बात को अवश्य जानते होंगे कि आखिरकार खेती करने के लिए उन्हें उर्वरकों की आवश्यकता पड़ती है और बाजार में कई सारे ऐसे फर्जी उर्वरक आ चुके हैं जिनकी वजह से किसानों की भूमि भी खराब होती है और फैसले भी खराब होती है हालांकि किसानों को सस्ते दाम में तो मिल जाते हैं और किसान इन चक्रों में पड़कर खराब उर्वरक खरीद कर खुद की फसल भी खराब कर देते हैं और खुद की जमीन भी खराब कर देते हैं।
इसी बात को समझते हुए भारत सरकार ने वन नेशन वन फर्टिलाइजर योजना का शुभारंभ किया है इस योजना के तहत पूरे भारत में केवल एक ही सरकार की तरफ से एक ही तरह का फर्टिलाइजर उपलब्ध कराया जाएगा जिसकी वजह से फर्टिलाइजर में जो मिलावट होती है वह होना बंद हो जाएगी और जो किसानों की भूमि खराब होती है वह भी होना बंद हो जाएगी और किसानों का भी फायदा होगा।
One Nation One Fertilizer Scheme Latest news Update
सबसे कमल की बात यह है कि सरकार ने जो इस योजना के तहत नए उर्वरक बांटने का फैसला किया है इन उर्वरकों को भारत फर्टिलाइजर नाम दिया जाएगा पूरे भारत में केवल यही नाम रखा गया है जिसकी वजह से अब जो धोखाधड़ी होती है वह मामले भी काम हो जाएंगे पहले सरकार आपको उड़िया डायम्मोनियम फास्फेट न्यू रेट ऑफ़ यूट्रस एनपी आदि खाद देती थी लेकिन अभिनय पलट कर इन सभी के नाम के आगे भारत जोड़ दिया जाएगा जैसे कि भारत यूरिया भारत भाजपा भारत एमआरपी और भारत एमपी इस दिशा में शीघ्र कार्ड करते हुए केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री मनमुख मांडवीया ने योजना से संबंधित सभी जरूरी निर्देश जारी कर दिए हैं और जो भी कंपनियां फर्टिलाइजर बनती है उन्होंने शीघ्र ही इस दिशा में कार्य करना शुरू कर दिया है । जो सरकार की तरफ से नहीं खाद की बोरियां बाती जाएगी इन पर भारत ब्रांड का लोगो लगा हुआ होगा जिसकी वजह से लोगों को ओरिजिनल उर्वरक की पहचान करने में बहुत आसानी होगी।
One Nation One Fertilizer Scheme से प्राप्त होने वाले लाभ
- इस योजना की वजह से सबसे बड़ा लाभ तो यह होगा कि किसानों को सही खाद्य मिल सकेंगे वरना पहले किस ताली बजरी के चक्कर में गलत खाद्य खरीद कर ले जाते थे ।
- इस योजना की वजह से जो धांधली होती थी वह धांधली भी काम हो जाएगी और काला बाजारी जड़ से खत्म हो जाएगी।
- बाजार के अंदर जितनी भी कंपनियां है जो खाद्य उर्फ बेचने का काम करती है वह सभी कंपनियां अब एक ही खाद्य उर्वरक को बेचेगी और भारत के सभी इलाकों में इसका दाम भी अलग-अलग होगा वरना पहले अलग-अलग राज्यों में इसकी कीमत अलग-अलग होती थी।
- इस योजना का सबसे बड़ा फायदा तो यह होगा कि अब जो भी किसान है उन्हें कम कीमत पर बढ़िया क्वालिटी का खाद्य उपलब्ध होगा और जो किसानों के साथ मैं धोखाधड़ी के जो मामले आते थे वह मामले भी अब पूरी तरीके से कम हो जाएंगे।
अब पहले से ज्यादा मिलेगी सब्सिडी
सरकार इस पर किसानों को करीब 80% से ज्यादा सब्सिडी उपलब्ध कराएगी यानी कि यदि आप खाद्य का खट्टा खरीदने हो और उसकी कीमत ₹1000 है तो आपको ₹1000 न देकर बाकी ₹200 ही देने होंगे बाकी ₹800 सरकार चुकाएगी और वही डीएपी की कीमत के बारे में बात करें तो इसकी कीमत पर सरकार 65% सब्सिडी देगी यानी कि सरकार₹1000 के कट्टे पर ₹650 देगी बाकी की कीमत आपको चुकानी होगी वही एमपी की कीमत पर 55% की सब्सिडी देगी वहीं पोटाश की कीमत पर 31% के सब्सिडी देती सरकार हर वर्ष इसके लिए अलग से बजट निर्धारित करती है और करीब 9000 करोड रुपए से भी ज्यादा इस दिशा में खर्च करती है ।